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मेरी प्यारी मां - by Er Shalini Chitlangya

  • Writer: themomsorchid
    themomsorchid
  • Aug 27, 2020
  • 1 min read

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.........मेरी प्यारी मां...........

मां मैं तेरी परछाई तेरा ही हमसाया हूँ

तेरी रूह से मेरी रूह जुड़ी है भले ही धन पराया हूँ

मां तू प्रेम, करूणा, ममता की प्रतिमूर्ति है

तेरे चरणों में जन्नत मेरी तू ईश्वर की अतुलनीय कृति है

मां का अनुसरण, मां का वंदन,मां को समर्पित मेरे लहू का कण कण

ए मां तेरे आंचल में इतनी शीतलता कहाँ से आती है.

तेरे प्यार भरे आशीष से ही मेरी हर परेशानी दूर हो जाती है

तेरे लिए अंश मात्र भी कर सकूँ तो वो मेरी खुशकिस्मती होगी

परछाई बनकर रहूँ तेरी सदा तभी सार्थक मेरी जिंदगी होगी

मैं तेरी छबि हूँ माँ.

तेरी रूह से जुड़ी हूँ माँ.

दुनिया को देखा तेरी ही नजर से.

धूप में मिली छाँव तेरे ही आँचल से.

मेरे लहू का हर कतरा तूझे समर्पित..

अो माँ तूझे करूँ में अपना सर्वस्व अर्पित.

तेरी थपकी से सुकून की नींद आती है.

दूर होकर भी माँ तू मुझे अक्सर सुलाने आती है.

कैसे तू मेरी अनकही बातों को समझ जाती है.

ये कैसी जादुई शक्ति है जो सिर्फ माँ को ही आती है.

माँ तू मेरी ईश्वर है तू मेरी पूजा है

तुझसे बढ़कर मेरे लिए कोई न दूजा है

प्रार्थना है ईश्वर से हर बच्चे को उनके रूप में माँ मिले

ममतामयी गोद मिले माँ के कदमों तले सारा जहां मिले

.......इंजी शालिनी चितलांग्या...

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